अगर आपको भी दिख रहें हैं अपने जीवन में ये लक्षण तो हो सकता है कालसर्प दोष, कुंडली जांच करवाकर तुरंत करें उपाय। कालसर्प दोष के लक्षण और आसान उपाय।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों की बदलती स्थिति के कारण हमारी कुंडली में कई शुभ अशुभ योगों का निर्माण होता है। ज्योतिष में कई ऐसे योग बताए गए हैं, जो बहुत ही भयानक होते हैं इन्हीं योगो में से एक योग होता है, कालसर्प योग। यह योग व्यक्ति के जीवन के छिन्न-भिन्न कर सकता है। इस दोष के कराण व्यक्ति को अपने जीवन में बहुत कष्टों का सामना करना पड़ता है। जिस जातक की कुंडली के जिस भाग में कालसर्प दोष का निर्माण होता है, वह भाव निष्फल हो जाता है। समस्याओं के कारण व्यक्ति बहुत ही विवश हो जाता है। तो चलिए जानते हैं कि क्यों लगता है कालसर्प दोष, क्या होते हैं इसके लक्षण…
जानिए कुंडली में क्यों और कैसे होता है कालसर्प दोष का निर्माण
माना जाता है यह पूर्वजन्म में सर्प हत्या की हो तो उसके कारण कालसर्प दोष बनता है। ज्योतिष के अनुसार जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाते हैं तो कुंडली में कालसर्प योग का निर्माण होता है। कालसर्प दोष का पता आप हमसे कुंडली जांच करके करवा सकते हैं। इसके अलावा आप अपने जीवन में कुछ लक्षणों पर ध्यान देकर भी जान सकते हैं कि आपके जो कष्ट है वो कालसर्प दोष के कारण हैं या नहीं।
कालसर्प दोष के लक्षण
→ जीवन के हर क्षेत्र में असफलता का सामना करना पड़ता है।
→ घर में मांगलिक कार्य नहीं हो पाते हैं।
→ संतान प्राप्ति में बाधा आती है, -संतान की उन्नति नहीं होती है।
→ परिवार में खुशियां नहीं रहती हैं -हमेशा तनाव की स्थिति बनी रहती है।
→ सगे संबंधी ही धन के मामले में धोखा करते हैं।
→ हमेशा रोगों से घिरे रहते हैं, स्वास्थ सही नहीं रहता है।
→ व्यापार में अड़चने बनी रहती हैं, लगातार घाटे का सामना करना पड़ता है।
→ सपने में मुंडन, बारात, अपने आपको नदी में डूबते हुए देखना, और स्वप्न में अंगविहीन व्यक्ति को देखना।
सपने में मृत व्यक्ति आपसे कुछ मांगे।
कालसर्प दोष के आसान उपाय
→ सोमवार के दिन भगवान शिवजी की शिवलिंग गंगाजल मिले जल से महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार लगातार 7 दिनों तक अभिषेक करने के बाद चंदन युक्त धूप, तेल, सुगंध अथवा इत्र अर्पित करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है ।
→ लगातार 7 दिनों तक दिन के समय जब राहु काल हो तब मां सिंहिका का ध्यान करते हुए एक माला ‘नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जप करें।
→ 7 दिनों तक अपनी सामर्थ्य के अनुसार बुधवार, शुक्रवार या फिर शनिवार के दिन राहु से संबंधित वस्तुएं जैसे सीसा, सरसों का तेल, तिल, कंबल, मछली, धारदार हथियार, स्वर्ण, नीलवर्ण वस्त्र, गोमेद, सूप, काले रंग के पुष्प, अभ्रक, दक्षिणा आदि का दान किसी सुपात्र वेद पाठी ब्राह्मन को दान करें।
→ चंदन की माला से राहु के इस बीज मंत्र- ‘ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः’ का जप शिव मंदिर में जाकर करने से कालसर्प दोष की परेशानियों से तुरंत लाभ मिलता है ।
→ आद्रा, स्वाती अथवा शतभिषा नक्षत्र में जटा वाला नारियल अपने ऊपर से 7 बार उतारकर बहते हुये जल में बहा दें ।
→ एक नारियल का सुखा गोले में छेद करके चीनी, बूरा तथा कुछ सूखे मेवे पीस कर भर दें। अब इस गोले को सांप की बांबी या फिर किसी पीपल अथवा बड़ की जड़ में इस प्रकार से सुरक्षित दबा दें जिससे कि इसमें चीटी लग जाएं। इस उपाय से शीघ्र ही कालसर्प से मुक्ति मिलती है ।
→ किसी कर्मकांडी ब्राह्मण से बातचीत करके कालसर्प दोष की विधि संपन्न करवाए।
आदरणीय भ्राता श्री
अंक ज्योतिष सीखने हेतु सारगर्भित अध्ययन सामग्री प्रेषित अवश्य ही कीजिए
धन्यवाद
Thanks.