व्यक्ति शारीरिक गतिविधि के स्तर को बढ़ाकर फिटनेस बढ़ा सकते हैं। प्रतिरोध प्रशिक्षण से मांसपेशियों के आकार में वृद्धि मुख्य रूप से आहार और टेस्टोस्टेरोन द्वारा निर्धारित की जाती है। प्रशिक्षण से सुधार में यह आनुवंशिक भिन्नता अभिजात वर्ग के एथलीटों और बड़ी आबादी के बीच प्रमुख शारीरिक अंतरों में से एक है। अध्ययनों से पता चला है कि अधेड़ उम्र में व्यायाम करने से जीवन में बाद में बेहतर शारीरिक क्षमता प्राप्त होती है।
जीवन एक यात्रा है जिसमे हमें अच्छे बुरे सभी पड़ावों से गुज़ारना पड़ता है। ज़रूरी नहीं की जो खुशहाल ज़िन्दगी हम अभी जी रहे हैं वह सालो साल ऐसे ही चलती रहे। अनदेखी व अनचाही घटनाये हमारे जीवन के सुख को निगल लेती हैं । ऐसी ही एक अनचाही स्थिति है बीमारी की स्थिति, यह न केवल हमारे अपनों को दुःख देती है बल्कि हमारी बरसो की इक्कठ्ठी की हुई मेहनत की कमाई को भी निगल लेती है ।
कई ऐसे लोग है जो बीमारी में बहुत सारे अस्तपतालों के चक्कर काटने के बाद और खूब सारा पैसा खर्चने के बाद भी आशाहीन ही रहते हैं । आजकल के डॉक्टर्स भी ज़्यादातर अपने धंधे की ओट में लोगो से पैसे लूटने से नहीं चूकते हैं । तो ऐसे में बेचारे भोले भाले लोग क्या करें?
इस मजबूरी की स्थिति में वैदिक ज्योतिष एक रामबाण की तरह काम करता है। यह एक प्राचीन विद्या है जो ग्रहों व नक्षत्रों की स्थिति देखकर लोगों की समस्याओं का समाधान करती हैं।
बहुत से लोगों ने ज्योतिष पद्धति की सहायता से अपने कष्टों से राहत पाई है । यह विज्ञान समय रहते आने वाली बीमारी का पता लगाने व उससे सम्बंधित उपायों के द्वारा सही समय पर सही सहायता प्रदान कर सकती है । हमारी कुंडली हमारे जीवन की सभी घटनाओं का सही सही विवरण दे सकती है और यदि हम इस बारे में पहले से ही सचेत हों तो कई आने वाली आपदाओं से बच सकते हैं ।
चिकित्सा ज्योतिष को क्यों अपनाएं ?
चिकित्सा ज्योतिष, ज्योतिषीय अध्ययन की ही एक शाखा है या यूं कहिये कि ज्योतिष के भीतर ही एक विशेष क्षेत्र है। यह क्षेत्र केवल स्वास्थ्य संबंधी मामलों से संबंधित है। यह अध्ययन कुंडली की राशियों और ग्रहों के परिवर्तन व उनकी गणना पर आधारित है। यह निर्धारित करना कि कोई बीमारी कब किसी व्यक्ति के जीवन में प्रवेश कर सकती है और इसका उस व्यक्ति के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा, चिकित्सा ज्योतिष के अंतर्गत ही आता है।
इसलिए किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अथवा उसकी जीवन अवधी का निर्धारण करने के लिए भी कुंडली पर विचार करना बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए यह सुगमतापूर्वक कहा जा सकता है कि चिकित्सा ज्योतिष हमारे जीवन में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। इसलिए फ्यूचर पॉइंट में हम अपनी अन्य ज्योतिष सेवाओं के साथ- साथ, आपको सटीक चिकित्सा ज्योतिष उपचार प्रदान करने के लिए भी प्रयासरत हैं।
चिकित्सा ज्योतिष में जन्म कुंडली का अध्ययन कैसे किया जाता है?
आमतौर पर किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली का छठा घर बीमारी का प्रतिनिधित्व करता है। अष्टम भाव यह निर्धारित करेगा कि उसे शीघ्र ही कोई शल्य चिकित्सा या मृत्यु का सामना करना पड़ेगा या नहीं।
कुंडली में स्वास्थ्य समस्याओं के लिए 12वां स्थान बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है क्योंकि यह अस्पताल में भर्ती होने की संभावनाओं को दर्शाता है। मान लीजिए कि बारहवें स्थान का स्वामी जन्म भाव में छठे स्थान पर आ रहा है। तब कोई घातक बीमारी हो सकती है।
अन्य परिस्थितियों में, एक निश्चित नक्षत्र का छठे, आठवें और बारहवें भाव में होना बीमारियों को इंगित करता है। तब किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए एक बहुत ही गंभीर खतरा आ जाएगा यदि कुंडली में नक्षत्र का स्वामी नकारात्मक रूप से 6 वें, 8 वें और 12 वें घर में प्रवेश कर रहा है। तो यह बहुत बुरा असर दिखाएगा।
इस तरह की परिस्थितियां लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहने और राशि चक्र के अनुसार स्वास्थ्य संबंधी संभावनाओं को दर्शाएंगी।
चिकित्सा ज्योतिष में विशिष्ट अंगों से संबंधित रोगों के लिए जिम्मेदार ग्रह-
सूर्य – हृदय, तिल्ली, मन, जीवन शक्ति और दृष्टि व आँखों से सम्बंधित स्वास्थ्य समस्याएं।
बुध – जीभ, हाथ, बाल, फेफड़े और नाक संबंधी समस्याएं।
शुक्र – आंतरिक अंग, त्वचा का रंग, अंडाशय, तंत्रिका तंत्र, फैलाव संबंधी समस्याएं।
मंगल – बाहरी अंग, सिरदर्द, यकृत, गतिशीलता और पाचन तंत्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं।
बृहस्पति – रक्त परिसंचरण, कूल्हों, पैरों और जांघ से संबंधित समस्याएं।
शनि – श्रवण, जोड़ों का दर्द, दांत और त्वचा की समस्याएं।
स्वास्थ्य संबंधी चिकित्सा ज्योतिष रिपोर्ट
चिकित्सा ज्योतिष, कई वर्षों से स्वास्थ्य संबंधित सटीक भविष्यवाणी करने के लिए विख्यात है इसलिए वैदिक ज्योतिष के तहत यह कोई नया क्षेत्र नहीं है। यह सदियों से इसका भाग रहा है और अनेक ऋषियों ने इसका प्रयोग किया है।
इन ऋषियों ने लोगों की मदद के लिए हिंदू चिकित्सा ज्योतिष तकनीकों का इस्तेमाल किया। वे कई प्रकार की बीमारियों की भविष्यवाणी करने में सक्षम थे। इनमें से मुख्या थे मानसिक अवसाद, दृष्टि दोष, श्रवण दोष और मधुमेह।
हम आपके स्वास्थ्य को बहुत ही स्वाभाविक तरीके से बेहतर बनाने के लिए भी उसी तकनीक और भविष्यवाणियों का उपयोग करते हैं। ये भविष्यवाणियां सदियों से चली आ रही थीं और किसी भी मेडिकल सर्जरी से भी ज्यादा प्रभावी हैं। इसलिए हमारी चिकित्सा ज्योतिष सेवाओं का उपयोग करके, हम किसी भी चिकित्सा समस्या से निजात पा सकते हैं। आपके जीवन में, ये बीमारियां चाहे छोटी हो या गंभीर, चिकित्सा ज्योतिष के मदद से आप समय रहते सचेत होकर इन से बच सकते हैं।